मैं हिंदू, तू मुसलमान है, मगर 'मां' का ना कोई ईमान है! मैं हिंदू, तू मुसलमान है, मगर 'मां' का ना कोई ईमान है!
ए मां लिखू भी क्या तुझपे में कहना तो बहुत कुछ है पर शुरू कहां से करूं मैं ।। ए मां लिखू भी क्या तुझपे में कहना तो बहुत कुछ है पर शुरू कहां से करूं मैं ...
माँ के रूप में कोई और नहीं, हमने अपने ही ईश्वर को पाया है...! माँ के रूप में कोई और नहीं, हमने अपने ही ईश्वर को पाया है...!
करुं मां प्यार तुम्हें हमेशा मेरा चरित्र हो तुम जैसा । करुं मां प्यार तुम्हें हमेशा मेरा चरित्र हो तुम जैसा ।
जिसने इस धरती पर अपने बच्चे की हर गलती पर भी उसको माफ़ कर सीने से लगाया है। जिसने इस धरती पर अपने बच्चे की हर गलती पर भी उसको माफ़ कर सीने से लगाया है।
वक़्त को ना पकड़ सका कोई वक़्त को ना थाम सका! वक़्त को ना पकड़ सका कोई वक़्त को ना थाम सका!